Wednesday, 6 December 2017

ॐ शिवगोरक्ष योगी आदेश

ॐ शिवगोरक्ष योगी आदेश
||प्रार्थना||
||ॐ शिव गोरक्ष योगी||

गंगे हर नर्मदेहर जटाशंकरी हर ॐ नमो पार्वती पतये हर,
बोलिये श्री शम्भू जती गुरु गोरक्षनाथ महाराज की जय,
माया स्वरूपी दादा मत्सेंद्रनाथ महाराज की जय, नवनाथ चौरासी सिद्धों की जय,
भेष भगवान की जय, अटल क्षेत्र की जय, रमतेश्वर महाराज की जय,
कदली काल भैरवनाथ महाराज की जय, पात्र देवता की जय, ज्वाला महामाई की जय,
सनातन धर्म की जय, अपने-अपने गुरु महाराज की जय, गौ-ब्राम्हण की जय,
बोल साचे दरबार की जय, हर हर महादेव की जय,

कर्पूरगौरं करुणावतारम
संसारसारं भुजगेन्द्र हारम
सदा वसन्तं हृदयार विन्दे
भवंभवानी सहितं नमामी
मन्दारमाला कलिनाल कायै
कपालमालान्कित कन्थराय
नमः शिवायै च नमः शिवाय
गोरक्ष बालम गुरु शिष्य पालम
शेषा हिमालम शशिखण्ड भालं
कालस्य कालम जिनजन्म जालम
वन्दे जटालम जगदब्जनालम
गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा
गुरु साक्षात् परब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवै नमः
ध्यानमूलं गुरोमुर्ती, पूजा मूलं गुरु पदम्
मन्त्रमूलं गुरुवाक्य मोक्ष मूलं गुरु कृपा
मंत्र सत्यम पूजा सत्यम सत्यदेवं निरंजनम
गुरुवाक्य सदा सत्यम सत्यम एकम परमपदम्
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धु च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविडम त्वमेव
त्वमेव सर्वम मम देव देवः
आकाशाय ताड़का लिंगम
पाताले वटुकेश्वरम
मर्त्ये लोके महाकालम
सर्व लिंगम नमस्तुते
शैली श्रृंगी शिर जटा झोली भगवा भेष
कानन कुण्डल भस्म लसै शिव गोरक्ष आदेश
१ ॐकर तेरा आधार
तीन लोक में जय-जयकार
नाद बाजे काल भागे
ज्ञान की टोपी गोरख साजे
गले नाद पुष्पन की माला
रक्षा करे श्री शंम्भुजती गुरु गोरक्षनाथजी बाला||
चार खाणी चार बानी
चन्द्र सूर्य पवन पानी
एको देवा सर्वत्र सेवा
ज्योति पाटले परसों देवा
कानन कुण्डल गले नाद
करो सिद्धो नाद्कार
सिद्ध गुरुवरों को आदेश! आदेश!!
श्री नाथजी गुरूजी को आदेश! आदेश!!

ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी|
ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी|
ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी|
ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी|
ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी|
ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी| ॐ शिव गोरक्ष योगी|
आदेश! आदेश!! आदेश!!!
शिवगोरक्ष कल्याण करे ।
गुरु महाराज की कृपा सदैव रहे ।
आदेश

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