यह मंत्र वेदोक्त है और पुर्णता प्रभवि भि है, सिर्फ 3 हि दिन मे इस मंत्रा कि अनुभुतिया हमारे सामने आती है,इस साधनासे कइ अपुर्ण इच्याये त्वरित पूर्ण हो जाति है,परंतु मन मे अविश्वास जाग्रत हो तो साधना कि अनुभुतिया नहीं मिल पाति है, और ये साधना कम से कम 11 दिन तो करनि हि चहिये.
साधना किसी भि नवरात्रि मे कर सक्ते है, रोज मंत्र कि 108 बार पाठ मतलब 1 माला करनि है, आप चाहे तो अपनी अनुकुलता के नुसार 3, 5, या 11 मालाये भि कर सक्ते है,आसन लाल रंग कि हो वस्त्र कोइ भि हो सक्ति है,माला लाल हकिक या रुद्राक्ष कि.
मा भगवति या कामाख्या जि का चित्र स्थापित किजिये और चमेलि कि तेल का दिपक आवश्यक है,साथ मे साधना से पुर्व हि गुरुपूजन और गुरुमंत्रा कि जाप भि आवश्यक है,फिर कालभैरव मंत्रा कि 21 ,51 या 108 बार जाप भि आवश्यक है,और सद गुरुजी से अपनि कामनापुर्ति हेतु प्रार्थना किजिये और कालभैरव जि से आज्ञा मांगिये.
साधना किसी भि नवरात्रि मे कर सक्ते है, रोज मंत्र कि 108 बार पाठ मतलब 1 माला करनि है, आप चाहे तो अपनी अनुकुलता के नुसार 3, 5, या 11 मालाये भि कर सक्ते है,आसन लाल रंग कि हो वस्त्र कोइ भि हो सक्ति है,माला लाल हकिक या रुद्राक्ष कि.
मा भगवति या कामाख्या जि का चित्र स्थापित किजिये और चमेलि कि तेल का दिपक आवश्यक है,साथ मे साधना से पुर्व हि गुरुपूजन और गुरुमंत्रा कि जाप भि आवश्यक है,फिर कालभैरव मंत्रा कि 21 ,51 या 108 बार जाप भि आवश्यक है,और सद गुरुजी से अपनि कामनापुर्ति हेतु प्रार्थना किजिये और कालभैरव जि से आज्ञा मांगिये.
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