Sunday, 17 December 2017

जय महाकाल संग माँ कामख्या

जय महाकाल संग माँ कामख्या
सूर्य ग्रहण के समय का सबसे उचित तंत्र उपयोग:-आप सभी मित्रो का मुझे इतना स्नेह देने के लिए आभार।गत 3 दिनों से बहुत से मित्रो के सन्देश मिले की 9 मार्च को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के लिए कोई उपयोगी साधना बताई जावे।सबको अलग अलग न बता कर यहाँ एक साथ सबको बता रहा हु।अघोर तंत्र में कुछ विशेष महूर्त में से एक विशेष समय या काल है सूर्य ग्रहण।जिसका सदुपयोग किया जायेतो मनवांछित फल प्रपात होने में कोई शंका नहीं रहती। ये साधना आपकेओ किसी किताब में नहीं मिलेगी।क्योकि उच्चकोटि की साधना गुरु द्वारा ही प्रदत्त होती है ।जो की मुझे भी मेरे गुरु द्वारा मिलि है।अगर आप इस साधना को सही तरह से और तंत्रोक्त विधि अनुसार करते है तो मैं वचन सेट हु की आपके आर्थिकस्तिथि और व्यवसाय इतना गतिमान होगा की आपने कल्पना भी नहीं की होगी।बस इतना ध्यान रखना जो वास्तु जिस रूप और मात्र में है वो नहीं बदलनी है।

साधना का नाम:-रुद्री गणिका साधना
उपयोग:- केवल आर्थिक स्तिथि को अगले सूर्य ग्रहण तक मजबूत करने हेतु।
समय :-सूर्य ग्रहण काल
सामग्री:--
69 निम्बू
41 हरी मिर्च
21 काली मिर्च
21 लोंग
21 साबुत सुपारी
3 मीटर काला कपडा
21 साबुत चावल के दाने सफ़ेद
बताशे
कुमकुम
काजल
13 दीपक चमेली के तेल के
इत्र
काली राई
लाल चन्दन पिसा हुआ
आटा
लोबान
हवन के लिए समिधा केवल पीपल की
काली हल्दी
21 पीले लड्डू
एक चंडी का चोकुट पत्र
विधि :-जिस प्रकार मैंने चित्र दर्शय है उसी प्रकार सामन व्यवस्तिथ करे।एकचोकोर कमरे के चारो कोनो में 7 निम्बू रखे जिनको 4 फांको में काट गया हो मगर वो अलग नही होनेचाहिये।उनके अंदर लाल कुमकुम भरिये।अब उन 4 घेरो को पहले लाल चन्दन औरफिर आटे से चक्रित करिये अब चारो कोनो को बताशों से जोड़िये।ये हुआ आपकी सुरक्षा का काम।अब बीचो बिच पहले कुमकुम फिर अंदर आते का घेरा बनाइये।फिर 41 निम्बू को 41 हरी मिर्च से जोड़िये।अब अंदर 13 दीपक प्रज्जवलित करिये केवल चमेली के तेल से। अब साध्वी का मुह पूर्व तथा साधक का पश्चिम में करके बैठिये अगर अकेले करे तो स्त्री पूर्व तथा पुरुष पश्चिम में।अब काले कपडे को जमीन पर बीच कर उस परकालि हल्दी रखे और उस पर आसन ग्रहण करे ।अब हवन में सबसे पहलेचण्डी कचोकोर पत्र रखे ।अब हवन कुण्ड में समिधा से अग्नि प्रज्वलित करे।सबसे पहले स्वयंपर फिर हवन कुण्ड कचरों और इत्तर डाले।और सबसे पहले लोबान को हवन में छोड़ कर रुद्री गणिका का नाम ले उनको प्रणाम करे।अब निम्न मंत्र की केवल 21 माला करे जो की 108 मनको की हो और प्रत्येक माला के सुमेरु पर एक एक चावल सुपारी काली मिर्च लोंग और लड्डू की आहुति देवे।
21 आहुति बाद काली राई को हवन में चोदे ।काली राई छोड़ते ही चांदी का पत्र स्वयं ऊपर आने लगेगा समिधा के।उसका रंग भी नारंगी हो चूका होगा ।ये संकेत है की आपकी साधना पूर्ण हुई और रुद्री गणिका का आपके घर प्रवेश हो चूका है।इस चांदी के पत्र को अपने मुद्रा भण्डार में रख कर अग्ले सूर्यग्रहण तक पूजा करिये और स्वयं अपनी आर्थिक स्तिथि को देखिये की कितनी जल्दी ही लक्षमी के आने के अनेक रास्ते बन गए है।
मंत्र:- ॐ रं रं रीं रीं रुद्री रीं रीं रं रं नमः
मैं आपको वचन देता हु अगर आपने ये सही किया तो आपकी आर्थिक स्तिथि अब से कई गुना उच्च होगी।
जय महाकाल संग माँ कामाख्या।



2 comments:

  1. You said: "Jis prakar maine chitra mai darshaya"... lekin post mai to sirf Kamakhya ka vigraha hai... aur koi chitra nahi... kindly post missing chitra.
    Thanks

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  2. गुरुजी चित्र संपूर्ण दर्शाये plz

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