कुंडली में सबसे बुरी स्थिति
किसी कुंडली में सबसे बुरी स्थिति तब देखने को मिल सकती है जब कुंडली में अशुभ राहु तथा अशुभ गुरु के संयोग से गुरु चांडाल योग का निर्माण हो रहा हो क्योंकि इस प्रकार के गुरु चांडाल योग के प्रभाव में आने वाले जातक को अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हानि उठानी पड़ सकती है। किसी कुंडली में शुभ गुरु तथा शुभ राहु द्वारा बनाए जाने वाले गुरु चांडाल योग के परिणाम इस योग के साथ जोड़े गए दुष्परिणामों से बिल्कुल भिन्न होते हैं तथा शुभ गुरु और शुभ राहु द्वारा बनाया जाने वाला यह गुरु चांडाल योग जातक को उसके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत अच्छे तथा शुभ फल प्रदान कर सकता है। उदाहरण के लिए शुभ गुरु तथा शुभ राहु के किसी कुंडली के पांचवे घर में स्थित होने से बनने वाले गुरु चांडाल योग का शुभ प्रभाव जातक को एक प्रसिद्ध तथा प्रतिष्ठित दार्शनिक, समाज सेवी, संत, आध्यतामिक गुरु अथवा आध्यतमिक रूप से विकसित व्यक्ति अथवा ज्योतिषी इत्यादि बना सकता है तथा इस योग के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक समाज के हित के लिए विशेष रूप से प्रयास करते हैं जिसके कारण इन्हें समाज में यश तथा सम्मान प्राप्त होता है।
No comments:
Post a Comment