दोस्तो आज की दुनिया को देख कर हमें ऐसा लगता कि परमात्मा की शक्ति इस दुनिया मे हैं भी या नही क्योकि हर दिन कोई न कोई उस परमात्मा का नाम लेकर वो स्वयं उच्च पद को पाना चाहता हैं ।
लेकिन में अगर हकीकत भी बता दु तो यकीन नही करेंगे लेकिन असली ओर नकली की पहचान करना इस दुनिया को नही आता हैं ।
लेकिन में अगर हकीकत भी बता दु तो यकीन नही करेंगे लेकिन असली ओर नकली की पहचान करना इस दुनिया को नही आता हैं ।
आज में साधना को बताता हूँ ।
बहुत आसान शब्दो मे कहु तो एक व्यक्ति जो साधक बनता हैं उसके द्वारा साधी गई तपस्या भक्ति उसकी साधना कहलाती हैं ।
साधना के चरण भिन्न हो सकते हैं मार्ग भी अलग हो सकता हैं उसके द्वारा साधा गया इष्ट भी अलग हो सकता हैं । बस जरूरत हैं एक गुरु द्वारा यह जानने की की मुझे इसमे सफलता मिलेगी या नही ।
ईश्वर तक सभी की साधना पहुँचती हैं चाहे उसने कोई भी मार्ग हो सकता बिना गुरु मार्ग भी हो तब भी साधना पहुँचती हैं । बस फल और शक्ति के समय उसका अंतर अलग हो जाता हैं ।
बहुत आसान शब्दो मे कहु तो एक व्यक्ति जो साधक बनता हैं उसके द्वारा साधी गई तपस्या भक्ति उसकी साधना कहलाती हैं ।
साधना के चरण भिन्न हो सकते हैं मार्ग भी अलग हो सकता हैं उसके द्वारा साधा गया इष्ट भी अलग हो सकता हैं । बस जरूरत हैं एक गुरु द्वारा यह जानने की की मुझे इसमे सफलता मिलेगी या नही ।
ईश्वर तक सभी की साधना पहुँचती हैं चाहे उसने कोई भी मार्ग हो सकता बिना गुरु मार्ग भी हो तब भी साधना पहुँचती हैं । बस फल और शक्ति के समय उसका अंतर अलग हो जाता हैं ।
इस दुनिया मे इस चित्र में जो मूल से समझाया गया हैं वो साधना का क्रम ही हैं ।
एक गुरु द्वारा निर्धारित सफर हैं साधना जो इस ब्रह्मांड में अपना स्थान और उसके बाद ईश्वर का सफर शुरू होता हैं ।
कुछ मार्ग कठिन और कुछ सरल हो सकते हैं अनुसार आपकी भक्ति तपस्या ओर ईश्वर दोनो पर निर्भर करती हैं ।
गृहस्थ में मानो तो लक्ष्मीनारायण प्रभु ओर शिव पार्वती की साधना सर्वोत्तम हैं ।
सन्यास में शिवशक्ति ओर दुर्गा माँ की साधना सर्वोत्तम हैं ।
ब्रह्मचर्य में भगवान ब्रह्मा सरस्वती की साधना सर्वोत्तम हैं ।
साथ ही निश्चित करती हैं आपका शरीर और आत्मा पर भी की वो कौनसा मार्ग चल सकते हैं ।
एक गुरु द्वारा निर्धारित सफर हैं साधना जो इस ब्रह्मांड में अपना स्थान और उसके बाद ईश्वर का सफर शुरू होता हैं ।
कुछ मार्ग कठिन और कुछ सरल हो सकते हैं अनुसार आपकी भक्ति तपस्या ओर ईश्वर दोनो पर निर्भर करती हैं ।
गृहस्थ में मानो तो लक्ष्मीनारायण प्रभु ओर शिव पार्वती की साधना सर्वोत्तम हैं ।
सन्यास में शिवशक्ति ओर दुर्गा माँ की साधना सर्वोत्तम हैं ।
ब्रह्मचर्य में भगवान ब्रह्मा सरस्वती की साधना सर्वोत्तम हैं ।
साथ ही निश्चित करती हैं आपका शरीर और आत्मा पर भी की वो कौनसा मार्ग चल सकते हैं ।
यथोक्त साधना करिए ओर जीवन मे खुशियों का भंडार भरिए ।।
साधना भवति श्रद्धां च श्रद्धां भवति आत्मम।
आत्मम भवति गुरोः च चतुरा मानव प्राप्ति परमात्माम।।
अन्यथं न दृश्य शक्ति न जानं साधना कल्प कोटि विमुक्तम।।
साधना भवति श्रद्धां च श्रद्धां भवति आत्मम।
आत्मम भवति गुरोः च चतुरा मानव प्राप्ति परमात्माम।।
अन्यथं न दृश्य शक्ति न जानं साधना कल्प कोटि विमुक्तम।।
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