शिव पूजा के अंत में करें यह मंत्र उपाय, बुरा वक्त भी थमने लगेगा
शिव की शक्तियां जितनी अनंत, अपार व विराट हैं, उतना ही सरल है उनका स्वरूप व स्वभाव। इसी वजह से शिव भक्तों के मन में समाया शिव उपासना के आसान उपायों से भी मिलने वाली शिव कृपा का विश्वास ही हर भक्त के लिए सुखों का भंडार खोल देता है। शास्त्रों के मुताबिक सांसारिक जीवन से जुड़ी ऐसी कोई मुराद नहीं जो शिव उपासना से पूरी न हो।
शास्त्रों में बताई शिव पूजा से जुड़ी बातें उजागर करती हैं कि शिव भक्ति में मात्र शिव नाम स्मरण ही सारे सांसारिक सुखों को देने वाला है। विशेष रूप से शास्त्रों में बताए शिव उपासना के विशेष दिनों, तिथि और काल को तो नहीं चूकना चाहिए। इसी कड़ी में यहां बताई जा रही शिव मंत्र स्तुति, शिव पूजा व आरती के बाद बोलने से माना जाता है कि इसके प्रभाव से बुरे वक्त, ग्रहदोष या बुरे सपने जैसी कई परेशानियां दूर होती हैं-
दु:स्वप्नदु:शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य,
दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्ग्रहार्ति,
व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीश:॥
दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्ग्रहार्ति,
व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीश:॥
इस शिव स्तुति का सरल शब्दो में मतलब है कि-
संपूर्ण जगत के स्वामी भगवान शिव मेरे सभी बुरे सपनों, अपशकुन, दुर्गति, मन की बुरी भावनाएं, भूखमरी, बुरी लत, भय, चिंता और संताप, अशांति और उत्पात, ग्रह दोष और सारी बीमारियों से रक्षा करे।
धार्मिक मान्यता है कि शिव, अपने भक्त के इन सभी सांसारिक दु:खों का नाश और सुख की कामनाओं को पूरा करते हैं।
संपूर्ण जगत के स्वामी भगवान शिव मेरे सभी बुरे सपनों, अपशकुन, दुर्गति, मन की बुरी भावनाएं, भूखमरी, बुरी लत, भय, चिंता और संताप, अशांति और उत्पात, ग्रह दोष और सारी बीमारियों से रक्षा करे।
धार्मिक मान्यता है कि शिव, अपने भक्त के इन सभी सांसारिक दु:खों का नाश और सुख की कामनाओं को पूरा करते हैं।
No comments:
Post a Comment