शनि ग्रह का जीवन पर प्रभाव व् उपाय
ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह का विशेष स्थान है। शास्त्रों में शनि को संतुलन व न्याय का ग्रह माना गया है। कई ज्योतिशविदों ने शनि को क्रोधी ग्रह भी माना है और यदि किसी व्यक्ति से कुपित हों जाए तो व्यक्ति कं हंसते-खेलते संसार को बर्बाद भी कर देता हैं। इस संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो शनि के प्रभाव से अछूता हो। शनिदेव का नाम सुनते ही व्यक्ति में भय उत्पन्न हो जाता है। शनि के प्रति सभी का डर सदैव बना रहता है। शनि के कारण जीवन की दिशा, सुख, दुख आदि सभी बात निर्धारित होती है। वास्तविकता में शनि कुकर्मियों को पीड़ित करता है तथा सुकर्मियों व कर्मठ लोगों का भग्यौदय करता है। यदि किसी व्यक्ति के कर्म अच्छे नहीं हैं तो शनि भाग्य हरकर पापियों को कंगाल बना देता है परंतु किसी भी व्यक्ति पर अपना असर डालने पर व्यक्ति को कुछ संकेत देता है। यह संकेत एक प्रकार की चेतवानी होती है की व्यक्ति अपने कर्म सुधारे और जीवन के मार्ग पर कर्म व धर्म अपनाकर अकर्म व अधर्म का परित्याग करे। शनि व्यक्ति के जीवन में अनेक परेशानियां लाकर निम्नलिखित बदलाव लाता है।
* शनि प्रभावित व्यक्ति के घर की दीवारों में अकस्मात दरारें आना शुरू हो जाती हैं। नियमित सफाई के बावजूद घर की दीवारों पर मकड़ियां अपना जाला बनाना शुरू कर देती हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति के घर पर बने नमकीन प्रदार्थों में भी चींटियां आ जाती हैं। तथा पूरी सफाई के बावजूद भी चींटियां घर के पलायन नहीं करती हैं। इसे खाना खरण होना कहते हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति के घर पर काली बिल्लियां डेरा डाल लेती हैं तथा वहीं बिल्ली अपने बच्चों को जन्म भी देती हैं तथा अक्सर दो बिल्लियां मिलकर एक दूसरे से लड़ती हुई भी पाई जाती हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति के स्वभाव और विचारों में भी बदलाव आता है। व्यक्ति में काम भावना बढ़ जाती है। मन और भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता। व्यक्ति के अनैतिक संबंध भी बन जाते हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति की सूझबूझ खो जाती है। व्यक्ति अर्जित किया हुआधन व कीमती समय लंबी दूरी की यात्राओं में लगा देता है। व्यक्ति को अकारण ही लंबी दूरी की असफल यात्राएं करनी पड़ती हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति का झूठ बोलना बढ़ जाना। व्यक्ति आकारण झूठ बोलना शुरू करा देता है। उसके आचरण और विचारों में झूठ का वास हो जाता है। व्यक्ति को लगता ही नहीं है को वो झूठ बोल रहा है।
* शनि प्रभावित व्यक्ति अत्यधिक सुस्त हो जाता है। व्यक्ति गंदगी पसंद करता है तथा खुद को साफ़-सुथरा नहीं रख पता। नित्य स्नान का त्याग करता है। व्यक्ति बाल और नाखून काटने से परहेज करता है।
* व्यक्ति के खानपान की पसंद में अकस्मात बदलाव आता है। व्यक्ति मांसाहार भक्षण में अत्यधिक रुचि लेता है। मदिरा के सेवन में भी व्यक्ति की रुचि बढ़ती है तथा बासी व तला हुआ खाना पसंद करता है।
* शनि प्रभावित व्यक्ति को प्रॉपर्टी के विवादों का सामना करना पड़ता है। सगे-संबंधियों से पैतृक संपत्ति को लेकर मतभेद बढ़ता है। घर की कोई दीवार गिर सकती है। गृह निर्माण में धन खर्च करना पड़ता है।
* शनि व्यक्ति की टांगों पर का बुरा प्रभाव शुरु करता तो। इस समय व्यक्ति के घुटनो में जकड़न शुरू हो जाती है तथा व्यक्ति के चमड़े से बने हुए जूते या चप्पल खोने लगते हैं या जल्दी-जल्दी टूटने लगते हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति को कर्मक्षेत्र में परेशानी आती है। व्यक्ति को पदोन्नति नहीं मिल पाती है। अधिकारियों से संबंध बिगड़ने लगते हैं व नौकरी छूट जाती है। व्यक्ति का अनचाही जगह पर तबादला होता है।
* शनि सर्वदा व्यक्ति के पेट और पीठ पर अपना वार करता है। व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में समस्याएं आती हैं। उसका कामकाज ठप पड़ जाता है। व्यक्ति का चलता हुआ कारोबार बंद हो जाता है। व्यवसाय में कानूनी दावपेच आ जाते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को न्यायालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। शनि प्रभावित व्यक्ति के यहां इन्कम टेक्स औरे सेल टेक्स आदि के छापे भी पड़ते हैं। व्यक्ति के जीवनसाथी के चरित्र का हनन भी होता है। शनि प्रभावित व्यक्ति का लाइफ पार्टनर दूसरे लोगों से शारीरिक रूप से अनैतिक संबंध बनाता है। शनि प्रभावित व्यक्ति के भाई-बहन उससे गद्दारी करते हैं तथा पैसे में ठगी भी करते हैं। शनि प्रभावित व्यक्ति के दोस्त और रिश्तेदार भी व्यक्ति का जीवन खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति के घर पर बने नमकीन प्रदार्थों में भी चींटियां आ जाती हैं। तथा पूरी सफाई के बावजूद भी चींटियां घर के पलायन नहीं करती हैं। इसे खाना खरण होना कहते हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति के घर पर काली बिल्लियां डेरा डाल लेती हैं तथा वहीं बिल्ली अपने बच्चों को जन्म भी देती हैं तथा अक्सर दो बिल्लियां मिलकर एक दूसरे से लड़ती हुई भी पाई जाती हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति के स्वभाव और विचारों में भी बदलाव आता है। व्यक्ति में काम भावना बढ़ जाती है। मन और भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहता। व्यक्ति के अनैतिक संबंध भी बन जाते हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति की सूझबूझ खो जाती है। व्यक्ति अर्जित किया हुआधन व कीमती समय लंबी दूरी की यात्राओं में लगा देता है। व्यक्ति को अकारण ही लंबी दूरी की असफल यात्राएं करनी पड़ती हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति का झूठ बोलना बढ़ जाना। व्यक्ति आकारण झूठ बोलना शुरू करा देता है। उसके आचरण और विचारों में झूठ का वास हो जाता है। व्यक्ति को लगता ही नहीं है को वो झूठ बोल रहा है।
* शनि प्रभावित व्यक्ति अत्यधिक सुस्त हो जाता है। व्यक्ति गंदगी पसंद करता है तथा खुद को साफ़-सुथरा नहीं रख पता। नित्य स्नान का त्याग करता है। व्यक्ति बाल और नाखून काटने से परहेज करता है।
* व्यक्ति के खानपान की पसंद में अकस्मात बदलाव आता है। व्यक्ति मांसाहार भक्षण में अत्यधिक रुचि लेता है। मदिरा के सेवन में भी व्यक्ति की रुचि बढ़ती है तथा बासी व तला हुआ खाना पसंद करता है।
* शनि प्रभावित व्यक्ति को प्रॉपर्टी के विवादों का सामना करना पड़ता है। सगे-संबंधियों से पैतृक संपत्ति को लेकर मतभेद बढ़ता है। घर की कोई दीवार गिर सकती है। गृह निर्माण में धन खर्च करना पड़ता है।
* शनि व्यक्ति की टांगों पर का बुरा प्रभाव शुरु करता तो। इस समय व्यक्ति के घुटनो में जकड़न शुरू हो जाती है तथा व्यक्ति के चमड़े से बने हुए जूते या चप्पल खोने लगते हैं या जल्दी-जल्दी टूटने लगते हैं।
* शनि प्रभावित व्यक्ति को कर्मक्षेत्र में परेशानी आती है। व्यक्ति को पदोन्नति नहीं मिल पाती है। अधिकारियों से संबंध बिगड़ने लगते हैं व नौकरी छूट जाती है। व्यक्ति का अनचाही जगह पर तबादला होता है।
* शनि सर्वदा व्यक्ति के पेट और पीठ पर अपना वार करता है। व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में समस्याएं आती हैं। उसका कामकाज ठप पड़ जाता है। व्यक्ति का चलता हुआ कारोबार बंद हो जाता है। व्यवसाय में कानूनी दावपेच आ जाते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को न्यायालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। शनि प्रभावित व्यक्ति के यहां इन्कम टेक्स औरे सेल टेक्स आदि के छापे भी पड़ते हैं। व्यक्ति के जीवनसाथी के चरित्र का हनन भी होता है। शनि प्रभावित व्यक्ति का लाइफ पार्टनर दूसरे लोगों से शारीरिक रूप से अनैतिक संबंध बनाता है। शनि प्रभावित व्यक्ति के भाई-बहन उससे गद्दारी करते हैं तथा पैसे में ठगी भी करते हैं। शनि प्रभावित व्यक्ति के दोस्त और रिश्तेदार भी व्यक्ति का जीवन खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
शनि शांति के उपाय
1 -सुबह और शाम को पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ऊं नमः शिवाय इस मन्त्र के जाप से शनि के दुष्प्रभावों से मिलती है मुक्ति।
2 -घर के किसी अंधेरे कोने में एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर कोने वाली जगह पर रखें।
3 – अगर शनिदेव की आप के जीवन में अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा जैसे तामसी सेवन न करें।
4 – जब भी घर में खाना बने तो उसमे दोनों समय खाने में काला नमक और काली मिर्च को उपयोग में लाए।
5 -शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को दें इससे जीवन में खुशियां आएंगी।
6 – शनिवार के दिन अपने हाथ के नाप का काला धागा लेकर उसको मांझकर माला कि तरह गले में पहनें।
7 -आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें शनि ढैया के शमन के लिए शुक्रवार की रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रातः उन्हें पीसकर एवं गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घोड़े को खिला दें। इस से जीवन में शुभ दिन की शुरुवात होती है।
8 – बरगद और पीपल पेड़ के नीचे हर शनिवार सूर्योदय से पूर्व राई तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध एवं धूप अर्पित करें।
9 -शनि के प्रकोप से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार को काली गाय की सेवा करे और खाने से पहले रोटी का पहला निवाला गाय को खिलाएं और सिंदूर लेकर गाय को लगाये और पूजा करे
10 -हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल की सात परिक्रमा करें यदि शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं और शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती जलायें।
इन दस नियमों का पालन करके आप एक बार जरूर देखें। शनिदेव कैसे आपके सारे कष्ट पलक झपकते ही दूर कर देंगे।
No comments:
Post a Comment