Wednesday 10 January 2018

दसवीं ज्योति कमला प्रगटी |

(कमला सिद्ध शाबर मंत्र )

ॐ अयोनी शंकर ॐकार रुप, कमला देवी सती पार्वती का स्वरुप | हाथ में सोने का कलश मुख से अभय मुद्रा | श्वेत वर्ण सेवा पूजा करे, नारद इन्द्रा | देवी देवत्या ने किया जय ओंकार | कमला देवी पूजो केशर पान सुपारी, चकमक चीनी फतरी तिल गुग्गल सहस्त्र कमलों का किया हवन | कहे गोरख, मंत्र जपो जाप जपो ऋद्धि सिद्धि की पहचान गंगा गौरजा पार्वती जान | जिसकी तीन लोक में भया मान | कमला देवी के चरण कमल को आदेश |https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/

ॐ ह्रीं क्लीं कमला देवी फट् स्वाह:

सुनो पार्वती हम मत्स्येन्द्र पूता, आदिनाथ नाती, हम शिव स्वरुप उलटी थापना थापी योगी का योग, दस विद्या शक्ति जानो, जिसका भेद शिव शंकर ही पायो | सिद्ध योग मरम जो जाने विरला तिसको प्रसन्न भयी महाकालिका | योगी योग नित्य करे प्रात: उसे वरद भुवनेश्वरी माता | सिद्धासन सिद्ध, भया श्मशानी तिसके संग बैठी बगलामुखी | जोगी खड दर्शन को कर जानी, खुल गया ताला ब्रह्माण्ड भैरवी | नाभी स्थाने उडीय्यान बांधी मनीपुर चक्र में बैठी, छिन्नमस्ता रानी | ॐकार ध्यान लाग्या त्रिकुटी, प्रगटी तारा बाला सुन्दरी | पाताल जोगन (कुण्डलिनी) गगन को चढ़ी, जहाँ पर बैठी त्रिपुर सुन्दरी | आलस मोड़े, निन्द्रा तोड़े तिसकी रक्षा देवी धूमावंती करें | हंसा जाये दसवें द्वारे देवी मातंगी का आवागमन खोजे | जो कमला देवी की धूनी चेताये तिसकी ऋद्धि सिद्धि से भण्डार भरे | जो दशविद्या का सुमिरण करे | पाप पुन्य से न्यारा रहे | योग अभ्यास से भये सिद्धा आवागमन निवराते | मन्त्र पढ़े सो नर अमर लोक में जायें | इतना दस महाविद्या मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया | अनन्त कोट सिद्धों में, गोदावरी त्र्यम्बक क्षेत्र अनुपान शिला, अवलगढ़ पर्वत पर बैठ श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ जी ने पढ़ कथ कर सुनाया श्री नाथजी गुरूजी को आदेश | आदेश |ॐ शिव गोरक्ष योगी


अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 

नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है निचे वाले मंत्र की १ माला जरूरी है बाकि आपकी मर्जी है १०००० जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डेली देना है कुछ न कुछ जय गुरु गोरखनाथ !! अगर नवरात्री मैं नहीं कर सकते हो तो किसी बी शुभ मूरत मैं करना है आपको और शाबर मंत्र के सेवा सवा महीना लगाओ ! और उसके बाद आपको मनन करना है और मंत्र को चला कर देखो हर साधना ले लिए रुद्राक्ष की माला उत्तम है ! 

Guru Gorakhnath गुरु गोरखनाथ 
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