Thursday, 18 January 2018

मनोकामना पुर्ति और सर्वजन आकर्षण हेतु गणपति साधना] :-
सामग्री :-
पारद निर्मित मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त विजय गणपति की मुर्ति, जलपात्र, लाल चन्दन, कनेर के पुष्प, अगरबत्ती, शुद्ध गाय का घ्रत का दीपक,। माला:- लाल मूंगे की । समय:- ब्रम्ह मुहरत । दिन:- बुधवार । आसन:- लाल रंग का उनी । वस्त्र:- लाल । दिशा:- पूर्व दिशा । जपसंख्या:- इक्कीस सजार [21000] अवधि:- इक्कीस दिन [21 दिन]

मंत्र:- ओम वर वरदाय विजय गणपतये नम: ।।
प्रयोग:- सर्वजन आकर्णण हेतु यह प्रभावी साधना है । सबसे तहले पारद गणपति को स्नान कराकर उस पर केसर लगावे, तथा उसे रक्त चन्दन से तिलक करे , सामने गुड़ का भोग लगा के इक्कीस 21 पुष्पो से उसका पुजन करे , पुष्प कनेर के हो तो ज्यादा उचित है, पर यदि कनेर के पुष्प उपलब्ध ना हो तो किसी लाल रंग के पुष्प का प्रायोग करे । इसके बाद मंत्र जप प्रारम्भ कर दे और जब इक्कीस दिनो 21000 मंत्र जप पुर्ण होजाय तो कुंवारी कन्याओ को भोजन करा कर कुछ भेँट दे , एसा करने पर कुछ ही दिनो मेँ आपकी जो कामना होगी वह पुर्ण हो जायेगी।

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