Saturday, 6 January 2018

ध्यान क्या है

ध्यान क्या है 

नमस्कार दोस्तों मैं आपका सनी शर्मा फिर से हाज़िर हूँ अपने ब्लॉग पर आज बात करते है ध्यान क्या है सो सबसे पहले आपको मैं बता दू के कोई व् अवस्था मैं पौँचने के लिए तप जप और योग साथ मैं जरूरी होता है इसलिए बोलते है गुरु होना जरूरी है गुरु नेट पर तो नहीं मिलता है क्युकी नेट पर बहुत विश्लेषण करने के बाद मैं खुद पाया है सब कुछ फेक है कुछ कामका नहीं है सारी करिये लग भाग गलत है और मंत्र के शब्द ही चेंज कर दिये है और गुरु आपके माता पिता बी हो सकते है इसलिए आपको गुरु चाहये तो इष्टदेव की भगति करो उनका नाम ले कर पितरो को याद करके आप शिव जी का नाम लो सुरु हो जाओगे यह मेरा खुद का अनुभव है और मैंने बी शिव जी का नाम लिया था कबि फिर मिले मुझे गुरु एक नहीं अनेक मिले आज सब बोलते है इतना ज्ञान कहा से मिला यह सब कुछ मेरे मन के विचार वही अक ज्ञान है और ध्यान एक ऐसे अवस्ता है जिस मैं आप आंतरिक ध्वनि मैं सांसो मैं खो जाते हो भरी दुनिये से परे है यह वाली अवस्ता और इसका आनद आपको आपके चक्रो पर विराजित परमाता के अलग अलग सवरूप से आपको मिलता है ततक ज्ञान तंत्र मंत्र और भूत,विवश्ये,वर्तम ,की कुछ काल्पनिक बातें और जो  सच मैं जो दुनिया है जीवन क्या है उसका अर्थ समझ आता है ! ध्यान करना इतना आसान बी नहीं है और तुफ्फ बी नहीं है क्युकी सब कुछ आपके मन के विचारो पर डिपेंड करता है क्युकी शरीर तनाव और मन के विचार आपको भटकाते है वही पड़ाव आपको पर करना होता है उसके बाद लाइफ क्या है जीवन का मतलब और रिस्ते नाते कौन अपना परया सब समझ आता है अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 



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