साधना और सम्भोग
जितने बी गुरु पीर है सब सफल और शक्तिशाली क्यों थे इतने क्युकी उन सबका कण्ट्रोल था सेक्स पर और अपना वीर्ये पथ नहीं होने देते थे और प्रभु की भगति मैं व्यस्त थे इसलिए सिद्ध योगी कहलाये ! नाथ पंथ मैं जब कोई दीक्षित होता है तो गुरु सबसे पहले उसको नथो के बारे मैं यही बताता है के भरमचार्ये की पलना करना है आपको और घिरत जीवन मैं हो तो नथो की जब कृपा होती है वैसे वैसे मुनिष्ये मोहमाया के चक्रो से मुक्त हो जाता है ! और घिरत जीवन से उठ कर समद्धि अवस्था मैं प्रस्थान करता है गुरु मंत्र के निरन्तरं जप से ही मनुष्ये समद्धि तक और अशीम शक्तियों का मालिक बन सकता है लेकिन बात आती है आपके मन की सोच और विचार धरा आपकी क्या कहती है ! और बॉडी का शुद्धि करण यह सारि बातो का ध्यान रखते हुए ही आपको साधना के मार्ग पर चलना है मैं आपका सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
जितने बी गुरु पीर है सब सफल और शक्तिशाली क्यों थे इतने क्युकी उन सबका कण्ट्रोल था सेक्स पर और अपना वीर्ये पथ नहीं होने देते थे और प्रभु की भगति मैं व्यस्त थे इसलिए सिद्ध योगी कहलाये ! नाथ पंथ मैं जब कोई दीक्षित होता है तो गुरु सबसे पहले उसको नथो के बारे मैं यही बताता है के भरमचार्ये की पलना करना है आपको और घिरत जीवन मैं हो तो नथो की जब कृपा होती है वैसे वैसे मुनिष्ये मोहमाया के चक्रो से मुक्त हो जाता है ! और घिरत जीवन से उठ कर समद्धि अवस्था मैं प्रस्थान करता है गुरु मंत्र के निरन्तरं जप से ही मनुष्ये समद्धि तक और अशीम शक्तियों का मालिक बन सकता है लेकिन बात आती है आपके मन की सोच और विचार धरा आपकी क्या कहती है ! और बॉडी का शुद्धि करण यह सारि बातो का ध्यान रखते हुए ही आपको साधना के मार्ग पर चलना है मैं आपका सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
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