उर्वशी साधना किसी भी शुक्रवार से प्रारम्भ किया जा सकता है। यह रात्रिकालीं साधना है। स्नान आदि कर पीले आसन पर उत्तर की ओर मुंह कर बैठ जाएं। सामने पीले वस्त्र पर 'उर्वशी यंत्र' (ताबीज) स्थापित कर दें तथा सामने पांच गुलाब के पुष्प रख दें। फिर पांच घी के दीपक लगा दें और अगरबत्ती प्रज्वलित कर दें। ॥ ॐ उर्वशी प्रिय वशं करी हुं ॥ इस मंत्र के नीचे केसर से अपना नाम अंकित करें। फिर उर्वशी माला से निम्न मंत्र की 51 माला जप करें - मंत्र ॥ ॐ ह्रीं उर्वशी मम प्रिय मम चित्तानुरंजन करि करि फट ॥ यह मात्र 21 दिन की साधना है और 21 दिन अत्यधिक सुंदर वस्त्र पहिन यौवन भार से दबी हुई उर्वशी प्रत्यक्ष उपस्थित होकर साधक के कानों में गुंजरित करती है कि जीवन भर आप जो भी आज्ञा देंगे, मैं उसका पालन करूंगी। तब पहले से ही लाया हुआ गुलाब के पुष्पों वाला हार अपने सामने मानसिक रूप से प्रेम भाव उर्वशी के सम्मुख रख देना चाहिए। इस प्रकार यह साधना सिद्ध हो जाती है और बाद में जब कभी उपरोक्त मंत्र का तीन बार उच्चारण किया जाता है तो वह प्रत्यक्ष उपस्थित होती है तथा साधक जैसे आज्ञा देता है वह पूरा करती है। साधना समाप्त होने पर 'उर्वशी यंत्र (ताबीज)' को धागे में पिरोकर अपने गलें में धारण कर लेना चाहिए। सोनवल्ली को पीले कपड़े में लपेट कर घर में किसी स्थान पर रख देना चाहिए, इससे उर्वशी जीवन भर वश में बनी रहती है।
गुरु जी की बाणी शिव ही गुरु शिव के खेल गुरु जाप मैं है शिव का मेल गुरु बाणी जग से न्यारी गुरु की बाणी जग तारणी गुरु है शिव रूप तू जाप का तू तप कर कहत शिव अलख आदेश सनी शर्मा !! SUNNY SHARMA
Wednesday, 24 January 2018
उर्वशी साधना urvashi aprsa
Saturday, 20 January 2018
Shri Dukh Naashini Durgasttotram दुःखनाशिनी दुर्गास्त्तोत्रं
Shri Dukh Naashini Durgasttotram
दुःखनाशिनी दुर्गास्त्तोत्रं
ॐ पर्व्रह्मा स्वरूपां च वेड गर्भां जगन्मयीम |
शरण्ये त्वामहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम || १ ||
कामाख्यां कामदां श्यामां कामरूपां मनोरमाम |
इश्वरीं त्वामहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम ||
त्रिनेत्रां हास्य संयुक्तां सर्वालंकार भूषिताम |
विजयां त्वामहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम || ३ ||
व्रह्मादिभिः स्तूयमानां सिद्ध गंधर्व सेविताम |
भवानीं त्वामहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम ||
निशुंभ शुंभ मथनीं महिषासुर घातिनीम |
दिव्यरुपामहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम || ५ ||
विंशत्यर्धभुजां देवीं शुद्ध कांचन सन्निभाम |
गौरी रुपामहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम ||
त्रिशूलं खडगं चक्रं च वाणं शक्तिं परश्वधम |
दधानां त्वामहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम || ७ ||
जगन्मयीं महाविद्यां सृष्टिसंहार कारिणीम |
सर्व दवमहं वन्दे दुर्गां दुर्गति नाशिनीम ||
इदं तु कवचं पुण्यं महामंत्रं महाफलम |
यः पठेन्मानवो नित्य मस्मद्भक्ति समन्वितः |
धनधान्यं प्रयच्छामि सकृदावर्त्तनेन तु || ९ ||
अपनी श्रद्धा के अनुसार १ , ५ ,७ ,११ जा २१ बार डेली ! सनी शर्मा
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है निचे वाले मंत्र की १ माला जरूरी है बाकि आपकी मर्जी है १०००० जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डेली देना है कुछ न कुछ जय गुरु गोरखनाथ !! अगर नवरात्री मैं नहीं कर सकते हो तो किसी बी शुभ मूरत मैं करना है आपको और शाबर मंत्र के सेवा सवा महीना लगाओ ! और उसके बाद आपको मनन करना है और मंत्र को चला कर देखो हर साधना ले लिए रुद्राक्ष की माला उत्तम है !
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Shree Bala Jaap Beej Mantra श्रीबाला जाप बीजमंत्र
Shree Bala Jaap Beej Mantra
श्रीबाला जाप बीजमंत्र
ॐ नमो आदेश गुरूजी कौं, आदेश ॐ गुरूजी -
ॐ सोहं ऐं क्लीं श्री सुन्दरी बाला
काहे हात पुस्तक काहे हात माला |
बायें हात पुस्तक दायें हात माला जपो तपो श्रीसुन्दरी बाला |
जिवपिण्डका तूं रखवाला हंस मंत्र कुलकुण्डली बाला |
बाला जपे सो बाला होय बूढा जपे सो बाला होय ||
घट पिण्डका रखवाला श्रीशंभु जति गुरु गोरख बाला |
उलटंत वाला पलटंत काया सिद्धोंका मारग साधकोंने पाया ||
ॐ गुरूजी, ॐ कौन जपंते सोहं कौन जपंते ऐं कौन जपंते |
क्लीं कौन जपंते श्रीसुन्दरी कौन जपंते बाला कौन जपंते ||
ॐ गुरूजी, ॐ जपंते भूचरनाथ अलख अगौचर अचिंत्यनाथ |
सोहं जपंते गुरु आदिनाथ ध्यान रूप पठन्ते पाठ ||
ऐ जपंते व्रह्माचार वेद रूप जग सरजन हार |
क्लीं जपंते विष्णु देवता तेज रूप राजासन तपता ||
श्रीसुन्दरी पारवती जपन्ती धरती रूप भण्डार भरन्ती |
बाला जपंते गोरख बाला ज्योति रूप घट घट रखवाला ||
जो वालेका जाने भेव आपहि करता आपहि देव |
एक मनो कर जपो जाप अन्तवेले नहि माई बाप ||
गुरु सँभालो आपो आप विगसे ज्ञान नसे सन्ताप |
जहां जोत तहाँ गुरुका ज्ञान गतगंगा मिल धरिये ध्यान ||
घट पिण्डका रखवाला श्रीशंभु जति गुरु गोरख बाला |
जहां बाला तहां धर्मशाला सोनेकी कूची रुपेका ताला ||
जिन सिर ऊपर सहंसर तपई घटका भया प्रकाश |
निगुरा जन सुगुरा भया कटे कोटि अघ राश ||
सुचेत सैन सत गुरु लखाया पडे न पिण्ड विनसे न काया |
सैन शब्द गुरु कन्हें सुनाया अचेत चेतन सचेत आया ||
ध्यान स्वरूप खोलिया ताला पिण्ड व्रह्माण्ड भया उजियाला |
गुरु मंत्र जाप संपूरण भया सुण पारवती माहदेव कह्ना ||
नाथ निरंजन नीराकार बीजमंत्र पाया तत सार |
गगन मण्डल में जय जय जपे कोटि देवता निज सिर तपे ||
त्रिकुटि महल में चमका होत एकोंकार नाथ की जोत |
दशवें द्वार भया प्रकाश बीजमंत्र, निरंजन जोगी के पास ||
ॐ सों सिद्धोंकी माया सत गुरु सैन अगम गति पाया |
बीज मंत्र की शीतल छाया भरे पिण्ड न विनसे काया ||
जो जन धरे बाला का ध्यान उसकी मुस्किल ह्नोय आसान |
ॐ सोहं एकोंकार जपो जाप भव जल उतरो पार ||
व्रह्मा विष्णु धरंते ध्यान बाला बीजमंत्र तत जान |
काशी क्षेत्र धर्म का धाम जहां फूक्या सत गुरने कान ||
ॐ बाला सोहं बाला किस पर बैठ किया प्रति पाला |
ऋद्ध ले आवै सुण्ढ सुण्ढाला हित ले आवै हनुमत बाला ||
जोग ले आवे गोरख बाला जत ले आवे लछमन बाला |
अगन ले आवे सूरज बाला अमृत ले आवे चन्द्रमा बाला ||
बाला वाले का धर ध्यान असंख जग की करणी जान |
मंगला माई जोत जगाई त्रिकुटि महल में सुरती पाई ||
शिव शक्ति मिल वैठे पास बाला सुन्दरी जोत प्रकाश |
शिव कैलास पर थापना थापी व्रह्मा विष्णु भरै जन साखी ||
बाला आया आपहि आप तिसवालेका माइ न बाप |
बाला जपो सुन्न महा सुन्न बाला जपो पुन्न महा पुन्न ||
बाला जपो जोग कर जुक्ति बाला जपो मोक्ष महा मुक्ति |
बाला बीज मंत्र अपार बाला अजपा एकोंकार ||
जो जन करे बाला की सेव ताकौं सूझे त्रिभुवन देव |
जो जन करे बाला की भ्राँत ताको चढे दैत्यके दाँत ||
भरम पडा सो भार उठावै जहाँ जावै तहाँ ठौर न पावै |
धूप दीप ले जोत जगाई तहाँ वैठी श्री त्रिपुरा माई ||
ऋद्ध सिद्ध ले चौक पुराया सुगुरा जन मिल दर्शन पाया |
सेवक जपै मुक्ति कर पावै बीज मंत्र गुरु ज्ञान सुहावै ||
ॐ सोहं सोधन काया गुरु मंत्र गुरु देव बताया |
सव सिद्धनके मुखसे आया सिद्ध वचन निरंजन ध्याया ||
ओवं कारमें सकल पसारा अक्षय जोगि जगतसे न्यारा |
श्री सत गुरु गुरुमंतर दीजै अपना जन अपना कर लीजै ||
जो गुरु लागा सन्मुख काना सो गुरु हरि हर व्रह्मा समाना |
गुरु हमारे हरके जागे अरज करूं सत गुरुके आगे ||
जोत पाट मैदान रचाया सतसे ल्याया धर्मसे विठाया |
कान फूक सर जीवत कीया सो जोगेसर जुग जुग जीया ||
जो जन करे बालाकी आसा सो पावै शिवपुरिका वास |
जपिये भजिये श्रीसुन्दरी बाला आवा गवन मिटे जंजाला ||
जो फल मांगूँ सो फल होय बाला बीज मंत्र है सोय |
गुरु मंत्र संपूरण माला रक्षा करै गुरु गोरख वाला ||
सेवक आया सरणमें धन्या चरणमें शीष |
बालक जान कर कीजिये दयादृष्टि आशीष ||
गुरु हमारे हरके जागे नीवँ नीवँ नावूँ माथ |
वलिहारी गुरुर आपणे जिन दीपक दीना हाथ ||
७ बार पूजा टाइम रक्षा बी होगी कृपा बी मिलगी कोई तंत्र मंत्र नहीं चलेगा चाहिए मुठ ही क्यों न हो मंगल बार को बाबा के मंदिर जा कर ७ बार बोलो भोग मैं लड्डू ,तुलसी के पते सेहेत और २ गुलाब ,२ अगरवती तथा, लंगोट दे !
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है निचे वाले मंत्र की १ माला जरूरी है बाकि आपकी मर्जी है १०००० जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डेली देना है कुछ न कुछ जय गुरु गोरखनाथ !! अगर नवरात्री मैं नहीं कर सकते हो तो किसी बी शुभ मूरत मैं करना है आपको और शाबर मंत्र के सेवा सवा महीना लगाओ ! और उसके बाद आपको मनन करना है और मंत्र को चला कर देखो हर साधना ले लिए रुद्राक्ष की माला उत्तम है !
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श्री नवग्रह शाबर मंत्र
श्री नवग्रह शाबर मंत्र
ॐ गुरु जी कहे, चेला सुने, सुन के मन में गुने, नव ग्रहों का मंत्र, जपते पाप काटेंते, जीव मोक्ष पावंते, रिद्धि सिद्धि भंडार भरन्ते, ॐ आं चं मं बुं गुं शुं शं रां कें चैतन्य नव्ग्रहेभ्यो नमः, इतना नव ग्रह शाबर मंत्र सम्पूरण हुआ, मेरी भगत गुरु की शकत, नव ग्रहों को गुरु जी का आदेश आदेश आदेश !
इस मंत्र का १०० माला जप कर सिद्धि प्राप्त की जाती है. अगर नवरात्रों में दशमी तक १० माला रोज़ जप जाये तो भी सिद्धि होती है. दीपक घी का, आसन रंग बिरंगा कम्बल का, किसी भी समय, दिशा प्रात काल पूर्व, मध्यं में उत्तर, सायं काल में पश्चिम की होनी चाहिए. हवन किया जाये तो ठीक नहीं तो जप भी पर्याप्त है. रोज़ १०८ बार जपते रहने से किसी भी ग्रह की बाधा नहीं सताती है !
अलख आदेश श्री गुरु गोरखनाथ जी को आदेश आदेश सनी शर्मा
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Goraksha Panchakshar jaap गोरक्षपंचाक्षर जाप
गोरक्षपंचाक्षर जाप
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गोरषनाथ लिंवस्वरूपं गउ गो प्रतिपालनं |
अगोचरं गहर गभीरं गकाराइ न्मो न्मो || १ ||
रहतंच निरालंबं अस्थंभं भवनं त्रियं |
राष राष श्रव भूतानं रकाराइ न्मो न्मो || २ ||
षकार इकयिस व्रह्मांडं षेचरं जगद गुरुं |
षेत्रपालं षडग वंसे षकाराइ न्मो न्मो || ३ ||
नाना सास समो दाइ नाना रूप प्रकासितं |
नाद विंद समो जोति नकाराइ न्मो न्मो || ४ ||
थापितं थल संसारं अलेषं अपारं अगोचरं |
थावरे जंगमे सचिवं थकाराइ न्मो न्मो || ५ ||
गकारं ग्यान संयुक्तं रकारं रूप लाछ्नं |
षकारं इकीस व्रह्मंडं नकारं नादि विंदए || ६ ||
थाकारं थानमानयो थिर थापन थर्पनं |
गोरषनाथ अक्षरं मंत्रं श्रवाधाराइ न्मो न्मो || ७ ||
ॐ गों गोराक्षनाथाय विद्महे शून्यपुत्राय धीमहि तन्नो
गोरक्ष निरंजनः प्रचोदयात् | आदेश आदेश शिवगोरक्ष ||
गोरक्षवालं गुरु शिष्यपालं शेषाहिमालं शशिखण्ड भालम |
कालस्यकालं जितजन्मजालं वन्दे जटालं जगदब्ज नालं ||
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
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Aadesh Gayatri Jaap आदेश गायत्री जाप
आदेश गायत्री जाप
ॐ नम आदेश गुरान्जीकूँ आदेश , ॐ आदेशाय विद्महे |
सोहं आदेशाय धीमहि नन्नो आदेशनाम प्रचोदयात् ||
आदेश नाम गायत्री जाप उठन्ते अनुभवदेवा |
सप्त दीप नव खण्डमें आदेश नामकी सेवा ||
आदेश नाम अनघड़की काया ररंकारमें झंकार समाया |
सोहंकारसे ॐ उपाया वज्र शरीर अमर करी काया ||
आदेश नाम अमृत रसमेवा आद जुगाद करूँ मै सेवा |
आदेश नाम अनघड़जीने भाख्या लख चौरासी पड़ता राख्या ||
आदेश नाम पाखान तराई आदेश नाम जपोरे भाई |
आदेश नाम जपन्ते देवा व्रह्मा विष्णु महेश्वर एवा ||
सिद्ध चौरासी नाथ नव जोगी आवा गमन कदे नहि भोगी |
राजा प्रजा जपै दिन राति दूध पूत घर संपति आति ||
आदेश नाम गायत्री सार जपो भौ उतरो पार |
आदेश नाम गायत्री उत्तम जपतांवार न कीजै जनम ||
इतना आदेश नाम गायत्री जाप सम्पूरणं सही |
अटल दलीचे वैठके श्रीनाथजी गुरुजी ने कही ||
नाथजी गुरुजी को आदेश आदेश ||
२१ बार अथवा ५१ बार पढ़ कर आदेश ले और गुरु करे शाबर मंत्र का जाप प्रभु कृपा जल्दी होगी अलख आदेश सनी शर्मा
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
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Thursday, 18 January 2018
मनोकामना पुर्ति और सर्वजन आकर्षण हेतु गणपति साधना] :-
सामग्री :-
पारद निर्मित मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त विजय गणपति की मुर्ति, जलपात्र, लाल चन्दन, कनेर के पुष्प, अगरबत्ती, शुद्ध गाय का घ्रत का दीपक,। माला:- लाल मूंगे की । समय:- ब्रम्ह मुहरत । दिन:- बुधवार । आसन:- लाल रंग का उनी । वस्त्र:- लाल । दिशा:- पूर्व दिशा । जपसंख्या:- इक्कीस सजार [21000] अवधि:- इक्कीस दिन [21 दिन]
मंत्र:- ओम वर वरदाय विजय गणपतये नम: ।।
प्रयोग:- सर्वजन आकर्णण हेतु यह प्रभावी साधना है । सबसे तहले पारद गणपति को स्नान कराकर उस पर केसर लगावे, तथा उसे रक्त चन्दन से तिलक करे , सामने गुड़ का भोग लगा के इक्कीस 21 पुष्पो से उसका पुजन करे , पुष्प कनेर के हो तो ज्यादा उचित है, पर यदि कनेर के पुष्प उपलब्ध ना हो तो किसी लाल रंग के पुष्प का प्रायोग करे । इसके बाद मंत्र जप प्रारम्भ कर दे और जब इक्कीस दिनो 21000 मंत्र जप पुर्ण होजाय तो कुंवारी कन्याओ को भोजन करा कर कुछ भेँट दे , एसा करने पर कुछ ही दिनो मेँ आपकी जो कामना होगी वह पुर्ण हो जायेगी।
Sunday, 14 January 2018
तंत्र मंत्र
तंत्र मंत्र किसी को नुकसान देने के लिए नहीं है यह क्रिया तो तब जूझ जब आप किसी बहुत ही जयदा और बढ़ी प्रोबलम है होते हो क्युकी यह तीर ऐसे है के जा तो छोड़ने वाला और जिसके ऊपर किया गया है वही मेहसूस कर सकता है और मैंने तो आपको पहले ही बताया है मैं तो प्रेक्टिकल वाला बाँदा हूँ खुद करता हूँ फिर बता देता हूँ यहाँ पर कॉपी पेस्ट वाला काम अपने पास नहीं है और कुछ बड़े बड़े तांत्रिक है यहाँ पर वही करते है कॉपी पेस्ट यहाँ पर मैंने प्रचार के लिए बनाया है अपना ब्लॉग यूट्यूब फेसबुक न के नाश के लिए और यद् रहे जैसे करम हो करता है वैसे ही भुगतना पढता है यही पर सब कुछ मरने के बाद क्या होना है जा क्या होगा किसी को कुछ नहीं पता नहीं इसलिए बाबा का नाम लो इष्ट देव की पूजा करो बस बाकि प्रभु आप सब को सब कुछ दे अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
Thursday, 11 January 2018
शाबर मंत्र नाथ पंथी के जानकारी
सतनाम आदेश गुरु जी को आदेश आदेश !
ॐ शिव गोरक्षधाम सतनाली सनी शर्मा !
शाबर मंत्र नाथ पंथी के जानकारी
नमस्कार दोस्तों मैं आपका सन्नी शर्मा फिरसे हाज़िर अपने ब्लॉग पर आज बात करते है शाबर मंत्र की गुरु गोरखनाथ जी के स्वयं अनुभूत सिद्ध शाबर मंत्र शिव सवरूप गुरु गोरखनाथ जी की बाणी दादा गुरु मछिन्दर नाथ जी शिष्ये ९ नाथ ८४ सिद्धो की शान थी वो शाबर मंत्र तब तक ही जागिरत रहते है जब तक उनका जाप होता है और रही बात आज के मंत्रो का तो पता नहीं मुझे लेकिन अगर शाबर मंत्र सही हो तो ११ माला होए ही सिद्ध होने के साथ साथ आपको शक्ति का आवास बी करवा देता है बाकि भाई सब किताब के मंत्र का हमे पता नहीं है क्युकी पैसे के लिए लोग कुछ करते है यहाँ पर मेरे ही कही पोस्ट लोग कॉपी करते मुझे ही सेंड कर देते है लेकिन हमारा काम सही बताना है न की पैसे के पीछे भगाना आप खुद ही सोचो जिसके ऊपर बाबा जी का हाथ होगा वो मांगता तो नहीं होगा भूक से नहीं मरेगा वो क्युकी सब कुछ उन पर छोड़ रखा है जो होगा जा होना है अच्छा ही होगा जैसे गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
ॐ शिव गोरक्षधाम सतनाली सनी शर्मा !
शाबर मंत्र नाथ पंथी के जानकारी
नमस्कार दोस्तों मैं आपका सन्नी शर्मा फिरसे हाज़िर अपने ब्लॉग पर आज बात करते है शाबर मंत्र की गुरु गोरखनाथ जी के स्वयं अनुभूत सिद्ध शाबर मंत्र शिव सवरूप गुरु गोरखनाथ जी की बाणी दादा गुरु मछिन्दर नाथ जी शिष्ये ९ नाथ ८४ सिद्धो की शान थी वो शाबर मंत्र तब तक ही जागिरत रहते है जब तक उनका जाप होता है और रही बात आज के मंत्रो का तो पता नहीं मुझे लेकिन अगर शाबर मंत्र सही हो तो ११ माला होए ही सिद्ध होने के साथ साथ आपको शक्ति का आवास बी करवा देता है बाकि भाई सब किताब के मंत्र का हमे पता नहीं है क्युकी पैसे के लिए लोग कुछ करते है यहाँ पर मेरे ही कही पोस्ट लोग कॉपी करते मुझे ही सेंड कर देते है लेकिन हमारा काम सही बताना है न की पैसे के पीछे भगाना आप खुद ही सोचो जिसके ऊपर बाबा जी का हाथ होगा वो मांगता तो नहीं होगा भूक से नहीं मरेगा वो क्युकी सब कुछ उन पर छोड़ रखा है जो होगा जा होना है अच्छा ही होगा जैसे गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
Wednesday, 10 January 2018
कुण्डलिनी शक्ति
सतनाम आदेश गुरु जी को आदेश आदेश !
कुण्डलिनी शक्ति
कुण्डलिनी शक्ति कैसे और क्या अनुभूति होती है आपको मैं आपका सनी शर्मा फिरसे हाज़िर हूँ एक बार नयी जानकारी से साथ बहुत से पोस्ट है नेट पर यूट्यूब पर लेकिन यहाँ तक मैंने पढ़ा और प्रैक्टिकल किया तब बता रहा हूँ मैं कुण्डलिनी शक्ति आंतरिक शक्ति है बहुत से गर्न्थो मैं लिखा गया है ! लेकिन यह एनर्जी बहुत ही मुश्किल से और कठिन परिश्रम से प्रपात होती है ! क्युकी इसका लिंक आपके लिंग(मूलाधार) यहाँ पर हमारा पहला चक्र होता है बहुत से लोगो ने नेट पर डायरेक्ट आगया चक्र की विधि दी है सही है वो लेकिन गिनती १ से सुरु होती है न के १० से क्युकी बॉडी ५ तत्व से बना है इसलिए हर एक चक्र पर आपकी इशा वृजित है इसलिए समझो उनको मरना है तभी आप पूर्ण रूप से चक्र जागिरत कर सकते हो !सनी शर्मा शिव गोरखधाम सतनाली !
कुण्डलिनी शक्ति
कुण्डलिनी शक्ति कैसे और क्या अनुभूति होती है आपको मैं आपका सनी शर्मा फिरसे हाज़िर हूँ एक बार नयी जानकारी से साथ बहुत से पोस्ट है नेट पर यूट्यूब पर लेकिन यहाँ तक मैंने पढ़ा और प्रैक्टिकल किया तब बता रहा हूँ मैं कुण्डलिनी शक्ति आंतरिक शक्ति है बहुत से गर्न्थो मैं लिखा गया है ! लेकिन यह एनर्जी बहुत ही मुश्किल से और कठिन परिश्रम से प्रपात होती है ! क्युकी इसका लिंक आपके लिंग(मूलाधार) यहाँ पर हमारा पहला चक्र होता है बहुत से लोगो ने नेट पर डायरेक्ट आगया चक्र की विधि दी है सही है वो लेकिन गिनती १ से सुरु होती है न के १० से क्युकी बॉडी ५ तत्व से बना है इसलिए हर एक चक्र पर आपकी इशा वृजित है इसलिए समझो उनको मरना है तभी आप पूर्ण रूप से चक्र जागिरत कर सकते हो !सनी शर्मा शिव गोरखधाम सतनाली !
दसवीं ज्योति कमला प्रगटी |
(कमला सिद्ध शाबर मंत्र )
ॐ अयोनी शंकर ॐकार रुप, कमला देवी सती पार्वती का स्वरुप | हाथ में सोने का कलश मुख से अभय मुद्रा | श्वेत वर्ण सेवा पूजा करे, नारद इन्द्रा | देवी देवत्या ने किया जय ओंकार | कमला देवी पूजो केशर पान सुपारी, चकमक चीनी फतरी तिल गुग्गल सहस्त्र कमलों का किया हवन | कहे गोरख, मंत्र जपो जाप जपो ऋद्धि सिद्धि की पहचान गंगा गौरजा पार्वती जान | जिसकी तीन लोक में भया मान | कमला देवी के चरण कमल को आदेश |https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
ॐ ह्रीं क्लीं कमला देवी फट् स्वाह:
सुनो पार्वती हम मत्स्येन्द्र पूता, आदिनाथ नाती, हम शिव स्वरुप उलटी थापना थापी योगी का योग, दस विद्या शक्ति जानो, जिसका भेद शिव शंकर ही पायो | सिद्ध योग मरम जो जाने विरला तिसको प्रसन्न भयी महाकालिका | योगी योग नित्य करे प्रात: उसे वरद भुवनेश्वरी माता | सिद्धासन सिद्ध, भया श्मशानी तिसके संग बैठी बगलामुखी | जोगी खड दर्शन को कर जानी, खुल गया ताला ब्रह्माण्ड भैरवी | नाभी स्थाने उडीय्यान बांधी मनीपुर चक्र में बैठी, छिन्नमस्ता रानी | ॐकार ध्यान लाग्या त्रिकुटी, प्रगटी तारा बाला सुन्दरी | पाताल जोगन (कुण्डलिनी) गगन को चढ़ी, जहाँ पर बैठी त्रिपुर सुन्दरी | आलस मोड़े, निन्द्रा तोड़े तिसकी रक्षा देवी धूमावंती करें | हंसा जाये दसवें द्वारे देवी मातंगी का आवागमन खोजे | जो कमला देवी की धूनी चेताये तिसकी ऋद्धि सिद्धि से भण्डार भरे | जो दशविद्या का सुमिरण करे | पाप पुन्य से न्यारा रहे | योग अभ्यास से भये सिद्धा आवागमन निवराते | मन्त्र पढ़े सो नर अमर लोक में जायें | इतना दस महाविद्या मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया | अनन्त कोट सिद्धों में, गोदावरी त्र्यम्बक क्षेत्र अनुपान शिला, अवलगढ़ पर्वत पर बैठ श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ जी ने पढ़ कथ कर सुनाया श्री नाथजी गुरूजी को आदेश | आदेश |ॐ शिव गोरक्ष योगी
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है निचे वाले मंत्र की १ माला जरूरी है बाकि आपकी मर्जी है १०००० जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डेली देना है कुछ न कुछ जय गुरु गोरखनाथ !! अगर नवरात्री मैं नहीं कर सकते हो तो किसी बी शुभ मूरत मैं करना है आपको और शाबर मंत्र के सेवा सवा महीना लगाओ ! और उसके बाद आपको मनन करना है और मंत्र को चला कर देखो हर साधना ले लिए रुद्राक्ष की माला उत्तम है !
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मातंगी सिद्ध शाबर मंत्र
नवमी ज्योति मातंगी प्रगटी |
(मातंगी सिद्ध शाबर मंत्र )
ॐ गुरूजी शून्य शून्य महाशून्य, महाशून्य में ओंकार ॐकार में शिवम् शिवम् में शक्ति - शक्ति अपन्ते उहज आपो आपना, सुभय में धाम कमल में विश्राम, आसन बैठी, सिंहासन बैठी पूजा पूजो मातंगी बाला, शीश पर शशी अमिरस प्याला हाथ खड्ग नीली काया | बल्ला पर अस्वारी उग्र उन्मत मुद्राधारी, उद गुग्गुल पाण सुपारी, खीरे खाण्डे मद्य मांसे घृत कुण्डे सर्वांगधारी | बुन्द मात्रेन कडवा प्याला, मातंगी माता तृप्यन्ते तृप्यन्ते | ॐ मातंगी सुन्दरी, रुपवंती, कामदेवी, धनवंती, धनदाती, अन्नपूर्णी अन्न्दाती, मातंगी जाप मंत्र जपे काल का तुम काल को खाये | तिसकी रक्षा शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ जी करे |https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
ॐ ह्री क्लीं हूँ मातंग्यै फट् स्वाहा |
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है निचे वाले मंत्र की १ माला जरूरी है बाकि आपकी मर्जी है १०००० जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डेली देना है कुछ न कुछ जय गुरु गोरखनाथ !! अगर नवरात्री मैं नहीं कर सकते हो तो किसी बी शुभ मूरत मैं करना है आपको और शाबर मंत्र के सेवा सवा महीना लगाओ ! और उसके बाद आपको मनन करना है और मंत्र को चला कर देखो हर साधना ले लिए रुद्राक्ष की माला उत्तम है !
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अष्ठम ज्योति बगलामुखी प्रगटी |
अष्ठम ज्योति बगलामुखी प्रगटी |
(बगलामुखी सिद्ध शाबर मंत्र )
ॐ सौ सौ सुता समुन्दर टापू, टापू में थापा सिंहासन पीला | सिंहासन पीले ऊपर कौन बैसे सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बैसे, बगलामुखी के कौन संगी कौन साथी | कच्ची बच्ची काक - कुतीया - स्वान चिड़िया, ॐ बगला बाला हाथ मुग्दर मार, शत्रु ह्रदय पर स्वार तिसकी जिव्हा खिच्चै बाला | बगलामुखी मरणी करणी उच्चाटन धरणी, अनन्त कोटि सिद्धों ने मानी ॐ बगलामुखी रमे ब्रह्माण्डी मण्डे चन्द्र्सूर फिरे खण्डे खण्डे | बाला बगलामुखी नमो नमस्कार |https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
ॐ हृलीं ब्रह्मास्त्रायैं विदमहे स्तम्भनबाणायै धीमहि तन्नो बगला प्रचोदयात्
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
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गुरु बिना सफलता क्यों नहीं और आज के तांत्रिक
गुरु बिना सफलता क्यों नहीं और आज के तांत्रिक
गुरु कृपा और गुरु के हुकुम के अनुसार जो बाँदा जो करता है वो कबि न फ़ैल नहीं होता है क्युकी गुरु कृपा गुरु हुकुम का मतलब होता है आपका सफल होना निश्चित होता है ! अगर गुरु का हुकुम के बिना चलोगे तो आपको दुनिया की कोई बी ताकत सफलता नहीं दिला सकती है ! यह गुरु जी की बानी है गुरु ही ऐसा ज्ञान देते है जो सच्ची लगन से और श्रद्धा भाव से गुरु मैं लीन हो जाता है भगति करना कोई परमात्मा को पाना नहीं होता है भगति का मतब श्रद्धा और अपनी आपके गुरु के प्रति श्रद्धा होती है उसी से गुरु आपको पहचानता है और आपको उस हिसाब से शक्ति देता है यह मेरा खुद का एक्सपेरिंस है भाई साब नेट पर यूट्यूब पर लोगो ने गंद डाल कर रखा है एक चीज़ को लाखो ने कॉपी किया और पेस्ट किया कुछ के शब्द चेंज कर दे कुछ ने विधि इसलिए नेट का कोई मंत्र काम नहीं करता है ! सब कुछ जीरो है ज्ञान तो गुरु कृपा से मिलता है न की किताब से बहुत बढे बढे तांत्रिक है यहाँ पर लेकिन सव चोर पैसे के दीवाने है और इस्त्री सम्न्भोग (सेक्स) गुरुतो बोलता है इस्त्री और मोह से दौर रहना है लेकिन यहाँ के तांत्रिक सम्भोग और पैसा साथ ले कर चलते है मैं आपका सनी शर्मा सच्चे वचन है गुरु जी के घोर कलयुग है ! शिव गोरखधाम सतनाली सनी शर्मा आउगा जल्दी ही नए पोस्ट के साथ तब तक अलख आदेश जय गुरु गोरखनाथ ! https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
गुरु कृपा और गुरु के हुकुम के अनुसार जो बाँदा जो करता है वो कबि न फ़ैल नहीं होता है क्युकी गुरु कृपा गुरु हुकुम का मतलब होता है आपका सफल होना निश्चित होता है ! अगर गुरु का हुकुम के बिना चलोगे तो आपको दुनिया की कोई बी ताकत सफलता नहीं दिला सकती है ! यह गुरु जी की बानी है गुरु ही ऐसा ज्ञान देते है जो सच्ची लगन से और श्रद्धा भाव से गुरु मैं लीन हो जाता है भगति करना कोई परमात्मा को पाना नहीं होता है भगति का मतब श्रद्धा और अपनी आपके गुरु के प्रति श्रद्धा होती है उसी से गुरु आपको पहचानता है और आपको उस हिसाब से शक्ति देता है यह मेरा खुद का एक्सपेरिंस है भाई साब नेट पर यूट्यूब पर लोगो ने गंद डाल कर रखा है एक चीज़ को लाखो ने कॉपी किया और पेस्ट किया कुछ के शब्द चेंज कर दे कुछ ने विधि इसलिए नेट का कोई मंत्र काम नहीं करता है ! सब कुछ जीरो है ज्ञान तो गुरु कृपा से मिलता है न की किताब से बहुत बढे बढे तांत्रिक है यहाँ पर लेकिन सव चोर पैसे के दीवाने है और इस्त्री सम्न्भोग (सेक्स) गुरुतो बोलता है इस्त्री और मोह से दौर रहना है लेकिन यहाँ के तांत्रिक सम्भोग और पैसा साथ ले कर चलते है मैं आपका सनी शर्मा सच्चे वचन है गुरु जी के घोर कलयुग है ! शिव गोरखधाम सतनाली सनी शर्मा आउगा जल्दी ही नए पोस्ट के साथ तब तक अलख आदेश जय गुरु गोरखनाथ ! https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
Tuesday, 9 January 2018
सप्तम ज्योति धूमावती प्रगटी |
(धूमावती सिद्ध शाबर मंत्र )
ॐ पाताल निरन्जन निराकार, आकाश मण्डल धुन्धुकार, आकाश दिशा से कौन आई, कौन रथ कौन असवार, आकाश दिशा से धूमावंती आई, काक ध्वजा का रथ अस्वार थरै धरत्री थरै आकाश, विधवा रुप लम्बे हाथ, लम्बी नाक कुटिल नेत्र दुष्टा स्वभाव, डमरु बाजे भद्रकाली, क्लेश कलह कालरात्रि | डंका डंकनी काल किट किटा हास्य करी | जीव रक्षन्ते जीव भक्षन्ते जाया जीया आकाश तेरा होये | धूमावन्तीपुरी में वास, न होती देवी न देव तहाँ न होती पूजा न पाती तहाँ न होती जात न जाती तब आये श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ आप भयी अतीत |https://shivgurugorakhnath. blogspot.in/
ॐ धूं: धूं: धूमावती फट् स्वाह: |
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
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भैरवी सिद्ध शाबर मंत्र Bhairavi
षष्टम् ज्योति भैरवी प्रगटी |
(भैरवी सिद्ध शाबर मंत्र )
ॐ सती भैरवी भैरो काल यम जाने यम भूपाल तीन नेत्र तारा त्रिकुटी, गले में माला मुण्डन की | अभय मुद्रा पीये रुधिर नाशवन्ती ! काला खप्पर हाथ खन्जर, कालापीर धर्म धूप खेवन्ते वासना गई सातवे पाताल, सातवे पाताल मध्ये परमतत्व परमतत्व में जोत, जोत में परम जोत, परम जोत में भई उत्पन्न काल भैरवी, त्रिपुर भैरवी, समपत प्रदा भैरवी, कैलेश भैरवी, सिद्धा भैरवी, विध्वंसिनि भैरवी, चैतन्य भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, षटकुटा भैरवी, नित्या भैरवी | जपा अजपा गोरक्ष जपन्ती यही मंत्र मत्स्येन्द्रनाथ जी को सदा शिव ने कहायी | ऋद्ध फूरो सिद्ध फूरो सत श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ जी अनन्त कोटि सिद्धा ले उतरेगी काल के पार, भैरवी भैरवी खड़ी जिन शीश पर, दूर हाटे काल जन्जाल भैरवी अमंत्र बैकुण्ठ वासा | अमर लोक में हुवा निवासा |https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
"ॐ हस्त्रो हस्कलरो हस्त्रो:" |
अलख आदेश शाबर मंत्र जगत मैं आपका स्वागत है सभी का और यहाँ पर आपको नाथ पंथी के सिद्ध शाबर मंत्र ही दुगा जो के मेरे गुरु का ज्ञान है वही यहाँ पर दुगा लेकिन मेहनत आपको करनी है ! वैदिक मंत्र १२५००० जाप से सिद्ध होते है ! लेकिन शाबर मंत्र अगर सही हो तो ११ माला होने पर ही आपका रंग दिखा शक्ति का आवास करवा देता है और आपको यह मंत्र सिद्ध करने के लिए नवराति मैं सूबा एक माला एक माला शाम को देनी बार्मचार्ये का पलना करना है और लास्ट दिन १०८ बार हवन करना है जिसका तन मन सच्चा होगा उसको ९ दिनों मैं ही माता के दर्शन होंगे ११० % दावा है मेरा यहाँ पर जिसका स्वार्थ होगा उसको कुछ नहीं होगा लेकिन इष्टदेव पितरो की सेवा पहले अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है निचे वाले मंत्र की १ माला जरूरी है बाकि आपकी मर्जी है १०००० जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डेली देना है कुछ न कुछ जय गुरु गोरखनाथ !! अगर नवरात्री मैं नहीं कर सकते हो तो किसी बी शुभ मूरत मैं करना है आपको और शाबर मंत्र के सेवा सवा महीना लगाओ ! और उसके बाद आपको मनन करना है और मंत्र को चला कर देखो हर साधना ले लिए रुद्राक्ष की माला उत्तम है !
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गुरु गोरखनाथ जी की बाणी
गुरु गोरखनाथ जी की बाणी
शिव का खेल शिव का मेल बने सब भेद
गुरु भरमा गुरु विष्णु गुरु महेश ३ लोग के
सुमेल बना जगत सेहत ५ तत्व मुनिष्ये का भेद
गुरु ही शिव शिव ही गुरु यह बाणी सच्चे शिष्ये ने जानि
गुरु बिना कोई नहीं गुरु ही तत्व गुरु ही ज्ञान शिव अवतार
करे जग कलियाँ जय जय हो तेरी शिव सवरूप गोरखनाथ !
सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
गुरु ही सब कुछ बिना गुरु के कुछ नहीं है समझदार हो तो गुरु को अपनों सभी अलख आदेश !!
शिव का खेल शिव का मेल बने सब भेद
गुरु भरमा गुरु विष्णु गुरु महेश ३ लोग के
सुमेल बना जगत सेहत ५ तत्व मुनिष्ये का भेद
गुरु ही शिव शिव ही गुरु यह बाणी सच्चे शिष्ये ने जानि
गुरु बिना कोई नहीं गुरु ही तत्व गुरु ही ज्ञान शिव अवतार
करे जग कलियाँ जय जय हो तेरी शिव सवरूप गोरखनाथ !
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गुरु ही सब कुछ बिना गुरु के कुछ नहीं है समझदार हो तो गुरु को अपनों सभी अलख आदेश !!
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(छिन्नमस्ता सिद्ध शाबर मंत्र )
पंचम ज्योति छिन्नमस्ता प्रगटी |
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सत का धर्म सत की काया, ब्रह्म अग्नि में योग जमाया | काया तपाये जोगी (शिव गोरख) बैठा, नाभ कमल पर छिन्नमस्ता, चन्द्र सूर में उपजी सुषुम्नी देवी, त्रिकुटी महल में फिरे बाला सुन्दरी, तन का मुन्डा हाथ में लीन्हा, दाहिने हाथ में खप्पर धार्या | पी पी पीवे रक्त, बरसे त्रिकुट मस्तक पर अग्नि प्रजाली, श्वेत वर्णी मुक्त केशा कैची धारी | देवी उमा की शक्ति छाया, प्रलयी खाये सृष्टि सारी | चण्डी, चण्डी फिरे ब्रह्माण्डी भख भख बाला भख दुष्ट को मुष्ठ जाती, सती को रख, योगी घर जोगन बैठी, श्री शम्भुजती गोरखनाथ जी ने भाखी | छिन्नमस्ता जपो जाप, पाप कन्ट्न्ते आपो आप जो जोगी करे सुमिरण पाप पुण्य से न्यारा रहे | काल ना खाये |https://shivgurugorakhnath.blogspot.in/
श्रीं क्लीं ह्रीं ऐं वज्र वैरो चनीये हूँ हूँ फट् स्वाह: |
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नोट:- ऊपर वाले का ५१ बार जाप करना है निचे वाले मंत्र की १ माला जरूरी है बाकि आपकी मर्जी है १०००० जाप बी कर सकते हो हवन १००० बार भोग डेली देना है कुछ न कुछ जय गुरु गोरखनाथ !! अगर नवरात्री मैं नहीं कर सकते हो तो किसी बी शुभ मूरत मैं करना है आपको और शाबर मंत्र के सेवा सवा महीना लगाओ ! और उसके बाद आपको मनन करना है और मंत्र को चला कर देखो हर साधना ले लिए रुद्राक्ष की माला उत्तम है !
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