Thursday 30 November 2017

।। भोलेनाथ ।।

।। भोलेनाथ ।।
धन धन भोलेनाथ सदाशिव कमी नही ख़ज़ाने मे ।
तीनों लोक बसे बस्ती मे आप बसे वीराने मे ।।

जटाजूट सर गंगा गले रुण्डन माला ।
माथे छोटा चन्दा रखे कृपा का प्याला ।।
जिसको देखो भय से व्यापै गल सर्पन की माला ।
त्रिनेत्र धारी भवभयहारी करे तीनों लोक उजियाला ।।
पीने को भँग सदाशिव खाने को धतूरा ।
रहत सदा मौन मस्ती मे धरत ध्यान न्यारा ।।
नाम अनेक आप के शंभो सबसे उत्तम नंगा ।
अजब आप की माया जटा जूट बिच गंगा ।।
भूत प्रेत बैताल नाथ आप का लश्कर सबसे चंगा ।
तीनों लोक विधाता आप बने दानी भिखमंगा ।।
नाथ भोलेनाथ बताओ क्या मिलता अलख जगाने मे ।
तीनों लोक बसे बस्ती मे आप बसे वीराने मे ।।
धन धन भोलेनाथ सदाशिव कमी नही ख़ज़ाने मे ।
तीनों लोक बसे बस्ती मे आप बसे वीराने मे ।।
।। महादेव ।।

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