Saturday 2 September 2017

यह मेरे साथ हुआ था जब मैं नाथ पथ मैं था तब मैंने शमशान जाना सुरु किया था ! (sunny sharma) blogspot :---

यह मेरे साथ हुआ था जब मैं नाथ पथ मैं था तब मैंने शमशान जाना सुरु किया था !
sunny sharma 

दोस्तों मैं आपका सनी शर्मा और मैं आप सभी का अभृ हूँ अब सभी मेरे ब्लॉस्पॉट को अच्छे से पढ़ते हो मुझे ख़ुशी है यह बेलोस्पोट मैं अपनी ईशा से बनने है ता की मैं यहाँ पर अपने एक्सपेरिंस को अपने साथ शेयर कर स्कू क्युकी जो बी बाँदा इस मार्ग पर चलेगा कही न कही उसके साथ बी यह सब घटित हो सकता है !

सो मेरे भाइयों मुझे याद है वो चीज़ जब मैं पहेली बार शमशान मैं गया था तो मेरे गुरु जी बी मेरे साथ मुझे बहुत डर लग रहा था उस टाइम क्युकी अमावस्या का दिन था उस दिन ओर कुछ अघोरी यहाँ पर चीता पर बैठे कर कोई साधना कर रहे थे ! मैंने देखा सबको और मेरे गुरु जी ने मुझे मिलव्या एक अघोरी जी से वो वह पर उस टाइम कोई साधना कर रहे थे ! और वहां पर कही लोगो का नाम करण बी हो रहा हो जो के अघोर पंथ से दीक्षित थे ! तो आगे चले गए मैं और मेरे गुरु देव जी वहां पर और मेरे गुरु जी ने वहा पर एक क्रिया की थी वो की काली माता जी की थी ! मेरे अनुभूत है वो क्रिया क्युकी वो किसी किताब जा नेट पर नहीं है ! क्युकी वो मेरे गुरु जी को बाबा गोरखनाथ जी दी थी ! उनोने वहा वो क्रिया की मैं बी साथ मैं था हम ७ पं  को एंटर हुए थे ! शमशान मैं रात वही पर रुकना था हम ने , तभी मेरे गुरु जी ने मुझे एक चीता से भसम उठा कर दी और बोले इसको अपने माथे पर लगा कर गुरु  मंत्र का जाप सुरु करो इस चीता के ७ परिक्रमा करो और उलटे हाथ वापिस आ कर ७ कदम चीता से दूर हो कर उसके सामने बैठे जाओ और अपना काम सुरु करो ! दोस्तों यह मेरे ज़िन्दगी के सबसे खतनाक और आखरी रात थी क्यों एक दिन की ही क्रिया ही थी वो,मैंने गुरु मंत्र का लग भग जाप किया ३ घंटे हो गए थे वही बैठे हुए मुझे और उसके बाद मुझे एक मंत्र दिया गया एक इसको करना है आपको मैंने उस मंत्र को सुरु किया ! ११ माला देनी थी मुझे मेरे गुरुदेव ने बोला के तुम इसका जाप आंखे बंद करके दो ध्यान इदर उदर न हो तेरा मैं भोग और क्रिया खुद सम्भाल लुगा मुझे याद है वो काली रात २ ऍम तक वही बैठे रहे भूके प्यासे हूँ दोनों सभी चलेंगे वहा से मैं और मेरे गुरदेव ही थे ! लेकिन उस साधना काल मैं मैंने प्रत्यक्षीकरण किया  भूत प्रेत योनि का साधना काल मैं मेरे सर पर मेरे गुरु का हाथ था ! लेकिन मुझे डर बी बहुत लग रहा था जाप के दौरान मुझे मेरे नाम से आवाज़े आने लगी ऐसा लगा कोई काला साया आया है मेरे पास उसके हाथ मैं एक खंजर था और साधना काल मैं उसने मुझे पूरा डराया वो मुझे मारने लगी थी ओर मैं आंतरिक ध्यान मैं था उस टाइम मैं भाग रहा था ! मेरे साथ उस टाइम ऐसे लगा जैसे मेरे गुरु जी बी नहीं है ! पूरी दुनिया मैं अंधकार था उस टाइम मैंे अकेला था वो बी अकेली थी लेकिन गुरु कृपा हुई मुझ पर साक्षात् दर्श हुए उस टाइम मुझे ! वो मेरे गुरु जी के देन थी मुझे एक मुझे उस टाइम ही उनोने दर्शन करवा दिए थे मुझे शमशान काली थी वो जो आज बी मेरे साथ माता भगवती के रूप मैं है ! उस रात जब मैं सोया ३ ए म के बाद तो मुझे लगा जैसे मैं मर गया हूँ मेरे बॉडी मैं से मुझे मेरे आत्मा बहार निकलती हुई दिखी  मैंने खुद अपने शरीर को मृत अवस्ता मैं देखा ! पर सूबा सब तक सब ठीक हो गया फिर कबि ऐसे रूप मैं मेरे पास नहीं वो प्यारी है माता रानी माता के रूप मैं आती है ! यह मेरा एक्सपेरिंस है किताबी किर्या नहीं है क्युकी गुरु बिना कुछ नहीं गुरु बिना ज्ञान बी नहीं है इसलिए मैं बोलता हूँ व्हाट्सअप जा फेसबुक पर ऑनलाइन कोई दीक्षा नहीं होती है मंत्र गुरु जी के पास जा कर कान मैं लो आप सभी !

ॐ नमः शिवाये
अलख आदेश शिर शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज को आदेश आदेश !!
जय हो मेरे सच्ची ११ वाली सर्कार ख्वाजा गरीबनवाज़ !!
जय जय मेरे सिद्ध योगी बाबा बालक नाथ जी की !!
जय हो मेरे माता रानी की !!

सनी शर्मा
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4 comments:

  1. Boht hi dravna anubhav hai aaam admi ke liye par aapko naman hai jo aapne kiya adesh adesh

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  2. Jai ho baba gorakhnaath jee ki

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  3. ऊं सोहं सतगुरू सा

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