Friday, 1 September 2017

साधना विधि और अनुभति (२)

साधना विधि और अनुभति (२) :-------------------------------------------------------------------------------------------------------
गुरु मूर्ति गुरु दर्शन गुरु
गुरु साई नाथ मेरा सिमरु 
गुरु को जब जब हो मेरा 
कल्याण अलख आदेश 
नाथ के नाथ आदेश आदेश !
आज फिर मौका मिला है तो कुछ लिखने जा रहा हूँ मुझे बहुत से मैसेज आते की गुरु जी आप मुझे यह दो वो दे ! तो जब जब मैंने किसी के यह पूछा है के आपका गुरु कौन है तो बोलते है गुरु तो नहीं है बस ऐसे ही करे आप हमारे गुरु बन जाओ तो मैं उन सबको यह बता दू मैं तो एक छोटा सॉ नादान सॉ बालक हूँ मैं किसी का गुरु तो क्या मैं किसी को कुछ बताने के लाइक बी नहीं हु क्युकी हम सभी इंसान है मैं बी आपके जैसा हूँ पाप मैंने बी किये है जूठ बी बोलता हूँ आज के टाइम मैं और मेरे मन मैं बहुत से वृतियां आती है ! मैं तो बस जब जब मुझे टाइम मिलता है तब तब मैं उस परमात्मा का सच्चे मन से नाम लेता हूँ बाकि ज्ञान और अनुभूति देना उनका काम है मेरा उन पर अटूट विश्वास है तभी तो मेरे काम होते है !
नोट :-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
९९.९०% नेट पर जितने बी बाबा है सब फेक है पैसे के लिए काम करते है होना कुछ बी नहीं है ! क्युकी प्रभु बात उसकी सुनता है जो दिल से अच्छा और तन मन से सच्चा होता है ! बात पैसे की नहीं है पैसे लो आप लेकिन काम बी होना चाहिए न किसी दुखी की आत्मा को और सतोगे तो पाप के भागीदार बन जाओगे आप सभी ! सभी तंत्र मंत्र नेट के पोस्ट सरे कॉमन है रियल मैं मंत्र और जो विधि है वो यहाँ पर कोई पोस्ट नहीं करता है उसका रीज़न यह है के कही कल्याण की जगह पर पाप ही न हो जाये ! और गुरु नेट, व्हाट्सअप और गूगल ओर फेसबुक पर नहीं मिलते है ! उनको तो ढूंढ़ना पढता है और सेवा करनी पढ़ती है तभी गुरु कृपा होती है सही टाइम आने पर जब वो मालिक उनको हुकुम करता है तब आप उसकी शरण मैं जाते हो !
सेक्स (सम्भोग) :----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
और बही कितनी बार बोले चूका हूँ मैं यहाँ पर सम्भोग करना बुरी बात नहीं है परमतमा की देन है पर प्राणी यह किया करता है क्युकी संसार का नियम है जनम और मोत सो सेक्स से साधना मैं कोई दिकत नहीं अति है क्युकी आपकी बॉडी अशुद ही होती है और रेहगी बी इसका कुछ नहीं हो सकता है आपका मन शुद होना चाहिए आपकी लगन उस पिता को पाने मैं होनी चाहिए ! आपका ध्यान उस तरफ होना चाहिए ! जैसे जैसे उस मार्ग पर चलोगे खुद एक दिन सम्भोग बी छोड़ डोज आप जब आप पुराण रूप से भर जाओगे जगह खाली नहीं रेह्गे तो उस टाइम आपको उस परम पिता परमेश्वर के इलावा किसी और चीज़ की भूक नहीं होगी ! इस मई न जो लेखा है वो सिर्फ एक से हो तब सही है न की हर एक इस्त्री के पीछे भगाना ! उसके साथ ही जो प्रभु को आपको देन होगी आपकी पत्नी ही बस !
वीर्ये :-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------वीर्ये को रोकना ही खुद को साधना होता है ! सहना का मतलबा है यह नहीं है मंत्र पढ़ा हो प्रभु सामने हाज़िर है आपके प्रभु को पाना है तो खुद के इन्द्रियों पर कण्ट्रोल करना है जब मन करे यह करना है तो उसको उस और से हटा कर प्रभु की भगति मैं लगाना है यही करना है ! ५ तत्व से बना है आपका बॉडी (शरीर) तो उन पांच तत्व से ही आपका वीर्ये बनता है ! जीने मैं आपके संस्कार ,बानी, पाप ,जूठ सब कुछ सम्मिलित है ! इसको जितना जायदा अपने अंदर होल्ड (रोक) कर रखोगे उल्टी जायदा अनुभूति हो आपके आज्ञा चक्र मैं आपकी जो आकृति देखगी वो जल्दी से समझ और साफ होगी उतनी ! यह मेरा खुद का अनुभव है मैं सनी शर्मा पंजाब से हूँ अपना नाम इसलिए पोस्ट मैं देता हूँ क्युकी कुछ महा पुरष मेरा पोस्ट कॉपी पेस्ट करते है अपने नाम और नंबर के साथ ! और यह ज्ञान मेरे मन की बात है जो मेरा मालिक कही न कही मेरे अंदर है उसके शब्द है यह मुझे कुछ नहीं पता है होता है कही मैं मैं क्या लिख देता हूँ ! जितना बी लिखता हूँ सारा मेरे अनुभव पर अधिरत होता है !
समर्पण क्या है :-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गुरु प्रति आपकी क्या भावना है कितना उन पर विश्वास है आपको गुरु जैसा बी हो आपको सेवा उनके चरणों की करनी है न की किसी और प्रकार की क्युकी मेरा एक्सपेरिंस तो एहि बोलता है की गुरु पदम् (चरणों ) मैं ही परमात्मा का बॉस होता है जितना गुरु मंत्र जपोगे आप सभी तो आपको एक दिन सपने मैं जा ऐसे ही आँखों के सामने गुरु जी के चरणों (पदम्) के दर्शन होते है ! और उन मैं से कुछ दिव्ये सख्ती प्रस्थान करती है तो आप समझ लेना आपकी भगति रंग ला रही है आप गुरु कृपा पाने मैं सफल हुए हो !
यह सब कुछ मेरे एक्सप्रिन्स पर अधिरत है न की किसी किताब के शब्द है बहकी का पोस्ट नेक्स्ट टाइम अभी लिए जय राम जी की अलख आदेश श्री शम्बू यति गोकरहनाथ जी को शिर बाला बालकनाथ जी को श्री श्री महाकाल जी को !
सनी शर्मा (पंजाब) 
पेज:- (NATH PANTH)
बाकि आप सभी मेरा पेज लाइक कर सकते है मैं जो बी दुगा कल को वो किसी किताब नेट , और आपको किसी गुरु मुख से बी नहीं मिलगा क्युकी वो सब कुछ मेरा परम पिता मुझको देता है और मेरा काम प्रचार करना है ! मेरा किसी बी साधु संत का अपमान करना और किसी बी धर्म का अपमान करना नहीं है क्युकी जैसे उस पानी,हवा और इस वता वरन का को मजब नहीं है वैसे ही परमात्मा बी एक है जैसे देखो गए वैसे हे दिखता है !!!!!!!

3 comments:

  1. Naath ji aadesh aadesh pls give your contact number

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  2. Naath ji aadesh aadesh pls give your contact number

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  3. adesh nath ji aapki vani me parmatma virajman hai

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